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Rajasthan Vidhansabha 2023 : इन दिग्गज नेताओं का राह आसान निश्चित रूप से निर्दलीय उम्मीदवारों के हटने से हुआ है।

256 days ago   -    185 views

PFL News - Rajasthan Vidhansabha 2023 : इन दिग्गज नेताओं का राह आसान  निश्चित रूप से निर्दलीय उम्मीदवारों के हटने से हुआ है।

इन दिग्गज नेताओं का राह आसान  निश्चित रूप से निर्दलीय उम्मीदवारों के हटने से हुआ है। क्योंकि नामांकन वापस लेने से पार्टी के वोटों का वितरण नहीं होगा, बल्कि प्रत्याशी को सीधा लाभ होगा।

 

Rajasthan Election 2023 : राजस्थान की राजनीति में पिछले महीने बहुत कुछ हुआ है। इस दौरान जनता ने सरकार को अपने घर आते देखा और कई नेताओं को टिकट नहीं मिलने पर बागी होते देखा। सियासी घमासान के बीच, नामांकन का समय आते ही कई बागी नेता निर्दलीय उम्मीदवार बन गए, जिससे पार्टी के चुने हुए उम्मीदवार को वोट खोना पड़ा। यह गुपचुप बातचीत का दौर था। आखिरकार, निर्दलीय उम्मीदवारों ने राजस्थान की राजनीति के प्रमुख नेताओं को धन्यवाद देते हुए चुनाव में उनका समर्थन देने की घोषणा की।

 

गहलोत-पायलट-राजे की राह आसान

लिस्ट में बहुत सारे नाम हैं, लेकिन राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट और मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास सबसे प्रमुख हैं। हाल ही में इन दिग्गजों के सामने खड़े उम्मीदवारों ने चुनाव के दौरान उनका समर्थन देने का ऐलान किया है। इन दिग्गज नेताओं का पतन निश्चित रूप से निर्दलीय उम्मीदवारों के हटने से हुआ है। क्योंकि नामांकन वापस लेने से पार्टी के वोटों का वितरण नहीं होगा, बल्कि प्रत्याशी को सीधा लाभ होगा। आइए पूरी बात जानें..।

 

1. अशोक गहलोत

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को राजनीति का 'जादूगर' कहा जाता है। 1998, 2008 और 2018 में गहलोत तीन बार राज्यपाल बने। 1977 में गहलोत ने जोधपुर के सरदारपुरा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़कर राजनीति में प्रवेश किया। यह उनकी आम सीट है। वह जोधपुर की सरदारपुरा विधानसभा सीट से इस बार भी चुनाव लड़ रहे हैं। रिकॉर्ड के अनुसार, इस बार उनके खिलाफ निर्दलीय नामांकन दाखिल करने वालों में कोई महत्वपूर्ण नाम नहीं था, लेकिन कुछ वोटों का नुकसान निश्चित रूप से हुआ होगा। लेकिन गहलोत ने चार निर्दलीय उम्मीदवारों को मनाने में सफलता हासिल की, जिसके बाद शनाज़ बैनन, महेश, दीपक मंत्री और सुरेश ने अपना नामांकन वापस ले लिया।

 

2.वसुंधरा राजे

राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे इस बार भी झालावाड़ की झालरापाटन विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रही हैं। यह उनकी आम सीट है। झालावाड़ जिले में राजाओं की बहुत शक्ति है। यद्यपि बीजेपी इस बार वसुंधरा को फ्रंट पर रखकर चुनावी मैदान में नहीं है, लेकिन राजस्थान में पार्टी का सर्वश्रेष्ठ नेता वसुंधरा ही हैं। झालरापाटन से राजे के खिलाफ निर्दलीय नामांकन इस बार पार्टी में सक्रिय रहे शैलेन्द्र यादव और अजय कुमार ने किया था। दोनों ने बाद में राजे के आग्रह पर अपना नामांकन वापस ले लिया।

 

3. सचिन पायलट

कांग्रेस ने राजस्थान के मौजूदा विधायक और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट को टोंक से दूसरी बार उम्मीदवार बनाया है। उन्होंने पिछले चुनाव में बीजेपी के यूनुस खान को रिकॉर्ड वोटों से हराया था। तब से यह हॉट सीट था। कांग्रेस में इस बार कई नेता टोंक से चुनाव लड़ना चाहते थे। लेकिन पायलट को टिकट मिलने पर लगभग 15 कांग्रेसी ने विद्रोह कर दिया और निर्दलीय के तौर पर नामांकन दिया। लेकिन पायलट के अनुरोध पर बाद में सात उम्मीदवारों ने अपना नामांकन वापस ले लिया। इनमें शामिल हैं नियामुद्दीन, रशीद खान, मोहम्मद उमर, अहमद कादिर और अख्तर।

 

4. प्रताप सिंह खाचरियावास

वर्तमान राजस्थान सरकार में मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास को इस बार कांग्रेस ने जयपुर की सिविल लाइंस विधानसभा सीट से चुना है। इस सीट पर चुनाव लड़ने वाले कई नेता थे। पार्टी की उम्मीदें कम हो गईं, इसलिए कुछ दावेदारों ने बगावत कर दी और निर्दलीय चुनाव लड़ लिया। बाद में खाचरियावास ने उन्हें मनाने में सफलता मिली, जिससे अरुण चतुर्वेदी, रशीद अहमद और नरेश पारीक ने अपना नामांकन वापस ले लिया।

 

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Tags Rajasthan election Rajasthan chunav 2023

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